चिश्ती पर पिछले साल शर्मा के खिलाफ सर तन से जुदा नारे लगाने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने अजमेर दरगाह के चिश्ती सैयद हुसैन गौहर की जमानत याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत से ट्रायल की प्रक्रिया को तेज करने और छह महीने में सुनवाई पूरी करने के लिए कहा है। आपको बताया दे की राजस्थान हाईकोट ने पिछले साल अक्तूबर में चिश्ती सैयद हुसैन गौहर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सर तन से जुदा नारे का आरोप
एक टीवी शो के दौरान पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप नुपूर शर्मा पर लगा था और पूरे देश में मुस्लिम समाज इसके खिलाफ एक हो गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अजमेर दरगाह के चिश्ती सैयद हुसैन गौहर को नुपूर शर्मा के खिलाफ लोगों को भड़काने और आपत्तिजनक नारे लगाने के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। चिश्ती पर पिछले साल शर्मा के खिलाफ सर तन से जुदा नारे लगाने का आरोप है।
चिश्ती और राजस्थान सरकार के तर्कों को सुनने के बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इस मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी। जमानत याचिका खारिज करते हुए पीठ ने निचली अदालत से ट्रायल की प्रक्रिया तेज करने और छह महीने में सुनवाई पूरी करने के लिए कहा। या रहे की राजस्थान हाईकोर्ट ने भी पिछले साल अक्तूबर में चिश्ती की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।