शिव पूजा में जल, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा खासतौर पर चढ़ाना चाहिए । सावन महीने में शिव पूजन और दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो सकती हैं
हालांकि, सावन में राशि के अनुसार शिव पूजन करने से कुंडली के नौ ग्रह के दोष शांत हो सकते हैं तो आइए जानते है सावन माह में राशि अनुसार पूजा कैसे कर सकते हैं…
मेष – मंगल स्वामित्व वाली मेष राशि , जिसकी पूजा शिवलिंग रूप में ही होती है, मंगल का जन्म स्थान उज्जैन है, मेष राशि के लोग शिव जी का दही से अभिषेक करें और लाल गुलाल चढ़ाएं।
वृषभ – शुक्र के स्वामित्व वाली वृषभ राशि, ग्रह के दोष दूर करने के लिए शिव जी का दूध से और फिर जल से अभिषेक करना उचित है, शिव जी के वाहन नंदी यानी किसी बैल को हरी घास और रोटी अवश्य खिलाएं।
मिथुन – बुध के स्वामित्व वाली मिथुन राशि के लोग शिव-पार्वती की पूजा करें। भगवान को लाल कनेर के फूल, शहद और पिस्ता से भोग लगाना चाहिए और बिल्व पत्र भी चढ़ाएं।
कर्क – चंद्र के स्वामित्व वाली कर्क राशि के लोग याद रखे कि चंद्र ग्रह शिव जी के मस्तक पर सुशोभित है। इस ग्रह के लिए शिवलिंग पर दूध-दही चढ़ाएं। दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
सिंह -सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि के लोग सूर्य के दोष दूर करने के लिए शीतल जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
कन्या– बुध के स्वामित्व वाली कन्या राशि के लोगों को शिवलिंग पर मूंग दाल से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए और बिल्व पत्र, मौसमी फल चढ़ाएं और शिव के मंत्रों का जप करें।
तुला– शुक्र के स्वामित्व वाली तुला राशि के लोग सावन महीने की अष्टमी और एकादशाी तिथि पर शिवलिंग पर सफेद वस्त्र चढ़ाएं। पार्वती जी को श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
वृश्चिक– मंगल स्वामित्व वाली इस राशि के लोग पूरे महीने गरीबों की सेवा करें और किसी शिवालय में सूर्यास्त के बाद सफाई करके सुगंधित धूप जलाएं और दीपक जलाकर आरती करें।
धनु – गुरु के स्वामित्व वाली धनु राशि के लोगों को सावन माह के प्रत्येक गुरुवार को बेसन से बनी मिठाई का भोग शिव जी को लगाना चाहिए और पीला वस्त्र अपनी माता को उपहार में दें।
मकर – शनि के स्वामित्व वाली मकर राशि के लोगों को नीले फूल के साथ शिव पूजन करना चाहिए।
कुंभ – शनि के स्वामित्व वाली कुंभ राशि के लोग जरूरतमंद विद्यार्थियों को शिक्षा की सामग्री भेंट करें और शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं।
मीन – गुरु ग्रह के स्वामित्व वाली मीन राशि के लोगों को सावन में कम से कम किसी एक ज्योर्तिलिंग के दर्शन करना चाहिए। अगर ये संभव न हो तो घर पर बारह ज्योर्तिलिंगों की फोटो के दर्शन करें।