चुनाव ख़त्म हुवे और नतीजे भी आ गए है अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने मुफ्त बिजली देने का वादा किया था अब इसबात को लेकर लोगों का कहना है कि जैसे ही हमने कांग्रेस को वोट दिया और कांग्रेस को जीत मिली, वैसे ही वह मुफ्त बिजली पाने के हकदार हो गए।
कर्नाटक में कांग्रेस को जीत मिली और हाल ही में CM का एलान भी हुवा है वहीं लोगों ने मांग शुरू कर दी है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दे की कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो लोगों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी,चुनाव जीतते ही लोगो ने शुरू कर दी है २०० यूनिट फ्री की मांग मगर यहां ये वादा पूरा करने में कांग्रेस सरकार को बहुत ही महेनत करनी पड़ेगी क्योकि बिजली सप्लाय कम्पनियोने चुनाव से पूर्व ही बिजली की दरों में बढ़ोतरी की मांग कर रखी थी
मामले पर करते है एक नजर
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, कर्नाटक के ३ जिलों जैसे कोप्पल, कलबुर्गी और चित्रदुर्गा के कुछ गांवों में लोगों ने बिजली के बिल भरने से साफतौर से मना कर दिया है। लोगो का कहना है की कर्नाटक कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लोगों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया था। ऐसे में इन जिलों के कुछ गांवों में बिजली विभाग के कर्मचारी बिजली के बिल लेकर पहुंचे तो लोगों ने बिल भरने से साफ मना कर दिया।
अब बिजली बिल लेकर मत आना
लोगों का कहना है कि जैसे ही हमने कांग्रेस को वोट दिया और कांग्रेस को जीत मिली, वैसे ही वह मुफ्त बिजली पाने के हकदार हो गए। लोगों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों से साफ कह दिया कि वह बिजली का बिल लेकर अब उनके पास ना आएं क्योंकि वह बिल नहीं भरेंगे। लोगों का कहना है कि अब कुछ भी हो जाए हम बिल का भुगतान नहीं करेंगे।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में पांच गारंटी योजना का एलान किया गया था मगर इन पांच गारंटी योजना को लागू करने में कांग्रेस सरकार को काफी मुश्केलियो का सामना करना पड़ेगा,असल में कर्नाटक में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनियां चुना पूर्व ही बिजली की दरों में बढ़ोतरी की मांग कर रही है। बिजली कंपनियों के राजस्व में 4 हजार करोड़ से ज्यादा का अंतर है और देखा जाए तो ये अंतर काफी बड़ा है।