Sengol :
Sengol : संसद भवन के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल स्थापित किया गया था और आपको बताया दे की, सेंगोल को तमिलनाडु की एक मंदिर से लाया गया था
संसद राजा या राजघराने का महल नहीं
अब इस मामले पर समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आर के चौधरी ने स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी है और उन्होंने स्पीकर से संसद में लगे सेंगोल पर सवाल उठाते हुवे सेंगोल को हटाने की मांग की है, सपा सांसद आर के चौधरी ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि सेंगोल राजा महाराजाओं का प्रतीक है और संसद राजा या राजघराने का महल नहीं उन्होंने सेंगोल की जगह संसद में संविधान की एक विशाल प्रति लगाई जानी चाहिए ऐसी मांग भी उठाई है
यह भी पढ़े : Lok Sabha Speaker : इमरजेंसी…तानाशाही…दो मिनिट का मौन और बॉलीवुड
सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है, हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है – सपा सांसद
सपा सांसद आर के चौधरी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है की, आज, मैंने इस सम्माननीय सदन में शपथ ली कि ‘मैं कानून द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा’ लेकिन मैं सदन की कुर्सी के दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया, महोदय, हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है
यह भी पढ़े : Pension : अब 40 हजार रुपये मिलेगी पेंशन, स्वतंत्रता सेनानी और उनके आश्रितों को तोहफा