Krishna Janmabhoomi case:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में मुकदमों की स्वीकार्यता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को “हटाने” की मांग करते हुए कई मुकदमे दायर किए गए हैं, जिसमें वादियों का दावा है कि औरंगजेब युग की मस्जिद मंदिर के विध्वंस के बाद बनाई गई थी।
मस्जिद प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में इन मुकदमों को चुनौती दी थी।
मुस्लिम पक्ष – मस्जिद प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड – ने तर्क दिया था कि ये मुकदमे पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत वर्जित हैं।
मुस्लिम पक्ष के अनुसार, मुकदमे में खुद ही इस तथ्य को स्वीकार किया गया है कि विचाराधीन मस्जिद 1669-70 में बनाई गई थी।
हिंदू पक्ष द्वारा दायर किए गए मुकदमों में एक आम प्रार्थना शामिल है जिसमें मथुरा में कटरा केशव देव मंदिर के साथ साझा किए गए 13.37 एकड़ के परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद को “हटाने” की मांग की गई है। अतिरिक्त प्रार्थनाओं में शाही ईदगाह परिसर पर कब्ज़ा करने की मांग भी शामिल है।