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अटारी: जम्मू-कश्मीर के ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले पर्यटक स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत छोड़ने की समयसीमा से पहले ही पाकिस्तानी नागरिक अमृतसर में वाघा-अटारी सीमा पर पहुंचने लगे हैं।
भारत ने इस भयावह हमले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया में पाकिस्तानियों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थीं और ऐसे वीजा धारकों को रविवार तक भारत छोड़ने की समयसीमा दी थी। मेडिकल वीजा मंगलवार तक वैध हैं। पाकिस्तान ने भी भारतीयों के लिए सार्क वीजा निलंबित कर दिया है।
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इस फैसले के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक अपने घर वापसी की तैयारी में जुट गए हैं। भारत-पाकिस्तान सीमा से महज एक किलोमीटर की दूरी पर ने परिवारों को दूसरी तरफ जाने का इंतजार करते देखा।
वाघा सीमा, जो दोनों देशों के बीच एकमात्र स्वीकार्य व्यापार मार्ग था, को भी बंद कर दिया गया है। इसका मतलब है कि सीमा समारोह पर रोक लग गई है, जिसमें दोनों तरफ से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
एक पाकिस्तानी नागरिक ने कहा, “मैं पाकिस्तान वापस जा रहा हूं। मुझे सूचना मिली है कि यह (आतंकी हमला) कश्मीर में हुआ है और मुझे 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। इसलिए मैं जा रहा हूं।”
भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के लिए भी कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने विभिन्न शहरों में रह रहे पाकिस्तानियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार से कोई औपचारिक आदेश नहीं मिला है, लेकिन पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों को औपचारिकताएं शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के वीजा पर यूपी आए पाकिस्तानी नागरिकों का ब्योरा एकत्र किया जा रहा है।
इस संबंध में कल देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर एक बैठक भी हुई। इसमें गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और डीजीपी कुमार भी शामिल हुए।
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भारत ने बार-बार पाकिस्तान पर “आतंकवाद का वैश्विक केंद्र” होने का आरोप लगाया है जो आतंकवादियों को पनाह देता है। पहलगाम हमले के बाद दिल्ली ने फिर से इस्लामाबाद पर उंगली उठाई। उसने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो दोनों देशों के बीच जल-बंटवारे का एक महत्वपूर्ण समझौता है, और इसका कारण “जम्मू और कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से लगातार आतंकवाद फैलाना” बताया। जवाब में, पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर दिया है, जिसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है।
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