Sanctorum Of Kedarnath Temple
Sanctorum Of Kedarnath Temple : केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि केदारनाथ में लगाया गया 23 किलो सोना कहां गया ? मंदिर समिति को इस पर स्पष्ट करना चाहिए और गर्भगृह में लगाया गया सोना काला कैसे पड़ गया? क्या सोना नकली था ? ये मामला उस वक्त तूल पकड़ता नजर या रहा है जब शंकराचार्य ने सवाल उठाया था की केदारनाथ में 228 किलो सोना कहाँ गया ? और अब वो अपनी बात से मुकर गए है .. आइए देखते है मंदिर समिति ने क्या कहा और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कैसे मुकरे अपनी बात से
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानाद का U-TURN
शंकराचार्य स्वामी अविमुकेश्वरानंद जी ने पहले आरोप लगाए थे की केदारनाथ में 228 किलो सोना कहाँ गया और अब क्या कहे रहे है वो देखिए
मंदिर समिति ने क्या कहा ?
2022 में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर बनाया गया जब विवाद बढ़ गया तो मंदिर समिति ने आधिकारिक तौर पर पूरी रशीदों और साक्ष्यों के साथ बयान जारी किया, केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने में 23 किलो 777.800 ग्राम सोने का उपयोग किया गया था, जिसका बाजार भाव आज 14 करोड़ 38 लाख है और एक हजार किलोग्राम कॉपर प्लेटों का प्रयोग किया गया, जिनकी कीमत 29 लाख है
दानी दाता ने अपने स्तर से ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परत चढ़ाई थी ऐसा मंदिर समिति के सीईओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है, दानी दाता ने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कराया था और सोना खरीदने से लेकर मंदिर में स्थापित करने का संपूर्ण कार्य दानी दाता द्वारा कराया गया. मंदिर समिति का कहना है कि उसकी प्रत्यक्ष रूप से इसमें कोई भूमिका नहीं थी और इसी दानी दाता द्वारा 2005 बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह को भी स्वर्ण जड़ित किया गया था
एक गुरु के दो शिष्य ..
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपराधी हैं। वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हैं, लेकिन आलीशान शादियों में खुशी-खुशी शामिल होते हैं। वे कह रहे हैं कि केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब है, क्या उन्हें सोने और पीतल में फर्क भी पता है – गोविंदानंद सरस्वती जी महाराज (योग श्री पीठ, ऋषिकेश), गोविंदानंद जी और अविमुक्तेश्वरानंद जी दोनों ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं। ऐसा माना जाता है कि गोविंदानंद जी ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य के असली उत्तराधिकारी थे।
BhikuMhatre ने तो काँग्रेस के साथ साथ मीडिया पर भी सवाल उठाया दिए है
प्रियंका वाड्रा द्वारा प्रमाणित “धर्म का ठेकेदार” कांग्रेस की पोल खोलता है ! कैसे ?, केदारनाथ मंदिर से सोने की हेराफेरी के आरोपों के संदर्भ में, अब ठेकेदार का कहना है कि उसने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कहा था। दलाल मीडिया प्राप्त धन के अनुसार रिपोर्ट करता है। और प्रेस्टीट्यूट मीडिया को कौन भुगतान करता है?, मुझे पता है कि आप जानते हैं!, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद