Subsidy : भारत में MODI सरकार द्वारा दी जा रही गेहूं और चावल पर सब्सिडी पर अमेरिकी सांसदों ने आपत्ति जताई है,अमेरिकी सांसदों का कहना है कि भारतीय गेहूं और चावल पर सब्सिडी की वजह से एशियाई बाजार में अमेरिकी किसानों के लिए मुकाबला कठिन होता जा रहा है |
- भारत में गेहूं पर सब्सिडी से बाजार में कीमत प्रभावित हो रही है और जिससे अमेरिकी किसानों का नुकसान हो रहा है
- भारतीय गेहूं और चावल पर सब्सिडी की वजह से अमेरिकी किसानों के लिए एशियाई बाजार में मुकाबला कठिन होता जा रहा है
- भारत ने अमेरिकी कृषि उद्योग के लिए 12 अलग-अलग श्रेणियों में अपना बाजार खोल दिया है
- व्यापार सभी अमेरिकियों के हित में होना चाहिए
अमेरिकी वित्त विभाग के सीनेट समिति के अध्यक्ष रॉन विडेन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत में गेहूं पर सब्सिडी बाजार कीमतों को प्रभावित करती है जिससे अमेरिकी किसानों का नुकसान होता है. ऐसे में अमेरिका के किसानों के लिए एशियाई बाजार में टिक पाना कठिन होता जा रहा है और किसी अन्य देशों द्वारा किसी भी प्रकार के अनुचित कार्यों से अमेरिकी कंपनियों में काम कर रहे श्रमिक भी प्रभावित होते हैं
कैथरीन टाई जो बाइडेन सरकार में शीर्ष व्यापार अधिकारी के तौर पर कार्यरत है उसने बुधवार को सांसदों को बताया कि भारत ने अमेरिकी कृषि उद्योग के लिए 12 अलग-अलग श्रेणियों में अपना बाजार खोल दिया है, कैथरीन टाई ने इस दौरान भारत में गेहूं और चावल पर दी जा रही सब्सिडी पर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिकी किसानों ओर व्यवसायों की सुरक्षा के लिए व्यापार नियमों को लागू करने के महत्व पर जोर भी दिया
व्यापार सभी अमेरिकियों के हित में होना चाहिएः कैथरीन टाई
कैथरीन टाई ने आगे यह भी कहा कि व्यापार सभी अमेरिकियों के हित में होना चाहिए. हमारा लक्ष्य अमेरिकी व्यापार नीति में अमेरिकियों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई को बंद कराना है, वित्त विभाग के सीनेट समिति के अध्यक्ष सीनेटर रॉन विडेन का भी कहना है कि भारत में गेहूं पर सब्सिडी से बाजार में कीमत प्रभावित हो रही है और जिससे अमेरिकी किसानों का नुकसान हो रहा है