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खून का रंग लाल होता है मगर राजकोट के शख्स का खून सोने जैसा है । ज्यादातर ब्लड ग्रुप के बारे में लोगो को पता है मगर आज बात करते है दुर्लभ EMM Negative ब्लड के बारे जो दुनिया मे सिर्फ 10 लोगो का ही है, हालांकि ये दुनिया का 42 वा ब्लड ग्रुप है । इस प्रकार का ब्लड दुनिया मे पहलीबार 1961 में पाया गया था जब एक महिला गर्भवती थी ।
लोग सिर्फ 4 ब्लड ग्रुप को जानते है और वो है A,B,O,AB लेकिन EMM Negative जो अत्यंत दुर्लभ है और भारत मे पहलीबार 65 साल के शख्स में पाया गया है ।
इंसान के शरीर मे कुल 42 प्रकार के ब्लड सिस्टम होते है जैसे कि A, B, O, RH लेकिन सामान्य रूप से 4 ब्लड ग्रुप ही माने जाते है । एक्सपर्ट की माने तो ऐसे ब्लड ग्रुप के लोगो मे EMM हाई फ्रीक्वेंसी एंटीजन की कमी देखने को मिलती है, और ऐसे लोग न ही किसीको अपना खून दे सकते है और न ही किसी से ले सकते है ।
राजकोट के 65 वर्षीय शख्स के ब्लड की पहचान सुरत में हुई ,समर्पण ब्लड डोनेशन के फिजिशियन डॉ जोशी ने कहा कि इस 65 वर्षीय शख्स को हार्ट एटेक आया था और हार्ट की सर्जरी के लिए खून की जरूरत थी मगर जब उनजे ब्लड का परीक्षण किया गया तो चौक उठे क्यो की वो दुर्लभ ब्लड ग्रुप निकला और ये देश का पहला EMM Negative ब्लड का केस बना है ।
EMM Negative ब्लड गोल्डन कलर का क्यों होता है ?
इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन ने इस ब्लड को EMM NEGETIVE इस लिए कहा क्यो की इस मे लाल रंग की कोशिकाओं में एंटीजन नही मिलता है और ये ब्लड उन्ही लोगो मे मिलता है जिनका RH फेक्टर NULL होता है ।