आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है,ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा की बैठक शुरू होने से पहले मीडिया के जरिए सांसदों व देश को एक संदेश दिया। संसद परिसर में उन्होंने मीडिया से बात करते कहा की , ‘यह अवधि बहुत महत्वपूर्ण है। ये आजादी के अमृत महोत्सव का दौर है। 15 अगस्त और आने वाले 25 वर्षों का एक विशेष महत्व है।’ पीएम मोदी ने कहा कि यह सत्र मौसम से जुड़ा हुआ है। दिल्ली में भी वर्षा अपना दस्तक देना प्रारंभ किया है। फिर भी न बाहर की गर्मी कम हो रही है और पता नहीं कि अंदर (संसद के भीतर) गर्मी कम होगी कि नहीं होगी।
पीएम ने कहा- संसद तीर्थ क्षेत्र, खुले मन से चर्चा हो
हम हमेशा सदन को संवाद का एक सक्षम माध्यम मानते हैं, तीर्थ क्षेत्र मानते हैं। जहां खुले मन से संवाद हो, जरूरत पड़े तो वाद-विवाद हो, आलोचना भी हो, उत्तम तरीके से एनालिसिस करके – चीजों का बारीकियों से विश्लेषण हो, ताकि नीति और निर्णयों में बहुत ही सकारात्मक योगदान हो सके ऐसे कहते हुवे मोदी ने आगे कहा की
पीएम ने सांसदों से की यह प्रार्थना
सांसदों से अपील करते हुए मोदी जी ने कहा, ‘हम सदन को जितना ज्यादा उत्पादक बना सकें, जितना ज्यादा सार्थक बना सकें, इसलिए सबका सहयोग हो और सबके प्रयास से ही लोकतंत्र चलता है, सबके प्रयास से ही सदन चलता है। सबके प्रयास से ही सदन उत्तम निर्णय करता है और इसलिए सदन की गरिमा बनाने के लिए हम सब अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए, इस सत्र का राष्ट्रहित में सर्वाधिक उपयोग करना है और हर पल याद रखें कि आजादी के लिए जिन्होंने अपना जीवन खपा दिया, जिसने शहादत स्वीकार की – उनके सपनों को ध्यान में रखते हुए, और 15 अगस्त सामने है तब सदन का सर्वाधिक उपयोग हो- यही मेरी सबसे प्रार्थना है।
क्यों बनाया निशाना ?
बता दें, 12 अगस्त तक चलने वाले संसद के मानसून सत्र में 18 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार 32 विधेयक सूचीबद्ध करवाए हैं। इनमें से 24 नए बिल होंगे। फिलहाल संसद में 35 बिल पेंडिंग हैं। इनमें से आठ बिलों को सरकार ने फिर से विचार के लिए लाएगी, शायद इसीबात को लेकर विपक्ष को निशाना बनाते हुवे मोदी ने कैसा है तंज
क्या कहा मोदी ने ?