नई दिल्ली, एजेंसी : सुप्रीम कोर्ट सुबह 10.30 बजे से आमतौर पर मामलों की सुनवाई शुरू करता है, मगर शुक्रवार को जस्टिस यू.यू. ललित एक घंटे पहले कोर्ट पहुंचें और सुबह 9.30 बजे मामले की सुनवाई शुरू कर दी थी। एक मामले की सुनवाई करते हुवे न्यायमूर्ति ललित ने टिप्पणी की ‘अगर बच्चे रोजाना सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो न्यायाधीश और वकील सुबह 9 बजे अदालत में क्यों नहीं आ सकते ?,आदर्श रूप से, हमें सुबह 9 बजे आना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि अगर हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो हम 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते?’
जस्टिस ललित ने आगे कहा कि अगर अदालतें सुबह 9 बजे शुरू होती हैं और सुबह 11.30 बजे तक चलती हैं, तो आधे घंटे का ब्रेक और फिर अदालतें दोपहर 12 बजे फिर से शुरू हो सकती है और दोपहर 2 बजे तक चलती हैं न्यायमूर्ति ललित ने कहा, ‘इससे आपको शाम को और काम करने का समय मिलेगा ‘।
जस्टिस ललित इस साल अगस्त में चीफ जस्टिस बनने वाले हैं। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना के रिटायर होने के बाद वह 27 अगस्त से 8 नवंबर तक वह चीफ जस्टिस रहेंगे।
एक मामले में पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मामले को एक घंटे पहले उठाने को लेकर अदालत की सराहना करते कहा की अदालती कार्यवाही शुरू करने के लिए सुबह 9.30 बजे एक अच्छा समय है। वैसे आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच सप्ताह के दिनों में सुबह 10.30 बजे शुरू होती है और दोपहर 1 बजे लंच ब्रेक होता है, और दोपहर 2 बजे सभी फिर से आते हैं, और न्यायाधीश शाम 4 बजे तक मामलों की सुनवाई करते हैं।