- किसी भी तरह का विभाजन देश के लिए खतरनाक
- किसी भी संस्कृति, धर्म या भाषा को बदनाम करना भारतीय संस्कृति नहीं है
नई दिल्ली, एजेंसी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विजयवाड़ा में विभाजनकारी एजेंडे के तहत देश की शांति और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाली ताकतों और निहित स्वार्थों के खिलाफ आगाह करते उन्होंने प्रत्येक नागरिक से भारत को कमजोर करने वालों के खिलाफ एकजुट होने और राष्ट्र के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया’ और कहा की ‘किसी भी संस्कृति, धर्म या भाषा को बदनाम करना भारतीय संस्कृति नहीं है’।
सभी संस्कृतियों का सम्मान ही हमारा धर्म है
उपराष्ट्रपति ने अपनी बात आगे बढ़ाते कहा की भारत के सभ्यतागत मूल्य सभी संस्कृतियों के प्रति सम्मान और सहिष्णुता सिखाते हैं और छिटपुट घटनाएं भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार को कमजोर नहीं कर सकती हैं। और इसी के साथ नायडू ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि खराब करने के प्रयासों की निंदा भी की। उन्होंने कहा कि भारत का संसदीय लोकतंत्र और बहुलवादी मूल्य दुनिया के लिए अनुकरणीय माडल है।
किसी भी तरह का विभाजन देश के लिए खतरनाक
उपराष्ट्रपति नायडू ने युवाओं से गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक भेदभाव और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास करने का भी आह्वान करते उन्होंने कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि है। नायडू ने कहा कि समाज में ‘विभाजन’ चाहे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच हो या सामाजिक वर्गों के बीच और लिंग के बीच हो इससे अंततः देश ही कमजोर होता है।