Dharavi :
Dharavi : अडाणी समूह को करोड़ों रुपये की धारावी झुग्गी-बस्ती पुनर्विकास परियोजना में भूमि का हस्तांतरण शामिल नहीं होगा। इस परियोजना में भूमि का हस्तांतरण महाराष्ट्र सरकार के विभागों को किया जाएगा और एक परियोजना डेवलपर के रूप में अदाणी समूह मकान बनाएगा जो महाराष्ट्र सरकार के विभागों को सौंपे जाएंगे। उसके बाद इन घरों का आवंटन एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के निवासियों को किया जाएगा।
काँग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ के आरोपों से किया इनकार
काँग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मामले में जमीन हड़पने का आरोप लगाया है, इन आरोपों पर परियोजना से जुड़े सूत्रों ने जवाब देते हुवे कहा की, जमीन के टुकड़े सिर्फ राज्य सरकार के आवास विभाग के धारावी पुनर्विकास परियोजना / स्लम पुनर्वास प्राधिकरण याने DRP/SRA को हस्तांतरित किए जाने हैं। धारावी झुग्गी झोपड़ी पुनर्विकास परियोजना को अडाणी समूह ने खुली अंतरराष्ट्रीय बोली में हासिल की थी। समूह अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. के माध्यम से आवास और वाणिज्यिक स्थान बनाएगा और उन्हें फिर से धारावी पुनर्विकास परियोजना / स्लम पुनर्वास प्राधिकरण को सौंप देगा।
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ये काल्पनिक बात है ..
रेलवे भूमि के आवंटन के मुद्दे पर सूत्रों ने बताया की इसे निविदा से पहले ही DRP को आवंटित किया गया था, जिसके लिए धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लि ने प्रचलित दरों पर 170 प्रतिशत के प्रीमियम का भारी भुगतान किया है और धारावीवासियों को धारावी से बाहर निकाल दिया जाएगा और बेघर कर दिया जाएगा ये आरोप को पूरी तरह से काल्पनिक और जनता के बीच चिंता पैदा करने के लिए एक कल्पना करार दिया। सरकार के 2022 के आदेश में यह शर्त रखी गई है कि धारावी के प्रत्येक निवासी को एक घर दिया जाएगा। एक जनवरी, 2000 को या उससे पहले मौजूद मकानों के धारक यथास्थान पुनर्वास के पात्र होंगे।