Ayodhya Shri Ram Temple:
Ayodhya Shri Ram Temple : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व करने वाले मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का 86 साल की उम्र में वाराणसी में शनिवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया. मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का अंतिम संस्कार वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के रहने वाले थे, आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के पूर्वज पंडित गागा भट्ट ने 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था। आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने अपने चाचा गणेश दीक्षित से वेदों और अनुष्ठानों की दीक्षा ली थी

आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्ही के दिशा-निर्देश और मंत्रोच्चार से मंदिर परिसर और गर्भगृह में रामलला की पूजा कराई गई थी।
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मोदी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘देश के विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के निधन का दुःखद समाचार मिला, दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे, काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला, उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
देश के मूर्धन्य विद्वान और साङ्गवेद विद्यालय के यजुर्वेदाध्यापक लक्ष्मीकान्त दीक्षित जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। दीक्षित जी काशी की विद्वत् परंपरा के यशपुरुष थे। काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के लोकार्पण पर्व पर मुझे उनका सान्निध्य मिला। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2024
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त किया योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “काशी के महान विद्वान और श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुजारी आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन आध्यात्मिक और साहित्यिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा, मैं प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और उनके शिष्यों एवं अनुयायियों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 22, 2024
संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना…