Ban imposed on RSS
Ban imposed on RSS : अफसोस की बात है कि केंद्र सरकार को अपनी गलती का अहसास होने में 5 दशक लग गए कि उसने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) को गलत तरीके से ऐसे प्रतिबंधित संगठन की सूची में रखा था, ये टिप्पणी मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक याचिका पर की
पिछले दिनों केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा दिया था, इस फैसले की विपक्ष ने जमकर आलोचना की थी, अब RSS पर लगा प्रतिबंध हटाने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि सरकार को अपनी इस चूक का अहसास करने में करीब पांच दशक लग गए और कोर्ट ने ये भी कहा की,’राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरीखे विश्व प्रसिद्ध संगठन’ को सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रतिबंधित संगठनों की सूची में गलत तरह से शामिल किया गया था और अदालत इस बात पर अफसोस जताती है
गलती का अहसास होने में लग गए पांच दशक
पिछले साल 19 सितंबर को हाईकोर्ट में सेवानिवृत्त केंद्रीय सरकारी कर्मचारी पुरुषोत्तम गुप्ता ने एक याचिका दायर कर केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमों के साथ-साथ केंद्र के कार्यालय ज्ञापनों को चुनौती दी थी, जो सरकारी कर्मचारियों को संघ की गतिविधियों में भाग लेने से रोक रहे थे, इस रिट याचिका का निपटारा करते हुवे जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस गजेंद्र सिंह की पीठ ने गलती का अहसास होने में लग गए पांच दशक यह टिप्पणी की
कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
अदालत ने आगे कहा, “इसलिए, हम कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और गृह मंत्रालय, भारत सरकार को निर्देश देते हैं कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर प्रतिबंध को लेकर पूर्व में जारी आदेशों में 9 जुलाई 2024 को जो संशोधन किया गया है, उसकी सूचना प्रमुखता से जारी करें. अदालत ने कहा कि यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सभी सरकारी कर्मचारी और आम जनता नीति में बदलाव के बारे में जान सकें
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Emergency Mindset
भाजपा के प्रवक्ता Shehzad Jai Hind ने इस फैसले पर ट्वीट करते हुवे कांग्रेस पर हमला बोल दिया और उन्होंने भी MP High court के इस फैसले को सराहा है
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