- मेरे विचार में, जाति जनगणना रामबाण नहीं हो सकती
- न ही बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान हो सकती है
- १९८० में इंदिरा ने दिया था नारा ‘न जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर’
- राजीव गांधी ने जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध साल 1990 में किया था।
जातिगत जनगणना के विरोध में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लेटर लिखा
राहुल गांधी आए दिन लगातार जाति जनगणना का मुद्दा उठा रहे है और कह रहे है की आबादी के अनुपात में देश में हिस्सेदारी होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा की राय उनसे थोड़ी जुदा है और यही वजह है की उन्होंने जातिगत जनगणना के विरोध में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लेटर लिखा है।
मेरे विचार में, जाति जनगणना रामबाण नहीं हो सकती
काँग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आनंद शर्मा ने लिखे अपने पत्र द्वारा कहा है की, “मेरे विचार में, जाति जनगणना रामबाण नहीं हो सकती और न ही बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान हो सकती है” उन्होंने ये भी कहा है की, “मेरी विनम्र राय में, इसे इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अनादर करने के रूप में गलत समझा जाएगा…”
न जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर
इंदिरा गांधी द्वारा साल 1980 में ‘न जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर’ दिए गए नारे का उल्लेख करते हुए आनंद शर्मा ने कांग्रेस के ऐतिहासिक रुख का जिक्र किया। उन्होंने ये भी कहा की कि राजीव गांधी ने जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध साल 1990 में किया था।
पत्र में आगे लिखा है की इस ऐतिहासिक रुख से पलटना बहुत सारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए चिंता करने वाला है और इस पर विचार करने की जरूरत है। वरिष्ठ काँग्रेस नेता आनंद शर्मा ने आगे कहा की, मेरी विनम्र राय में, इसे इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अनादर करने के रूप में गलत समझा जाएगा।
इस पत्र से अब सोचनेवाली बात ये है की ..
क्या काँग्रेस इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विचारधारा से विपरीत चल रही है ? जहां एक तरफ इंदिरा गांधी के द्वारा दिए गए नारे में कहा गया था की “न जात पर न पात पर..’ याने जात पात के भेदभाव से दूर रहकर और राजीव गांधी को भी जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाना पसंद नहीं था ऐसे में राहुल गांधी और काँग्रेस बार बार क्यों जाती जनगणना का मुद्दा उठाया करती है ? क्या काँग्रेस राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की विचारधारा से विपरीत दिशा में दौड़ रही है ?