केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ्तार होने वाले देश के पहले नेता
अरविंद केजरीवाल ने आज से 13 साल पहले याने 2011 में रामलीला मैदान में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले देश से भ्रष्टाचार खत्म करने को लेकर कीये गए आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी मगर अब खुद भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हो गए है। केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ्तार होने वाले देश के पहले नेता बन गए हैं |
१० वा समन और गिरफ्तारी
शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक्शन लिया है, आपको बताया दे की मार्च 2024 गुरुवार को HC ने ईडी से सबूत मांगे और फिर केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था | HC के फैसले के कुछ देर बाद ही ईडी के 10 ऑफ़िसरो की टीम 10वां समन लेकर केजरीवाल के आवास पर पहुंच गई जहां शाम 7 बजे से तलाशी ली और फिर रात 9 बजे केजरीवाल को गिरफ्तार कर के अपने साथ ईडी मुख्यालय ले गए |
केजरीवाल ने 2012 में जब राजनीतिक दल का गठन किया था तो सबसे पहले उनसे दूर होने वालों में आंदोलनकारी अन्ना हजारे थे जिन्होंने अपनी नाराजगी दर्शाते हुवे केजरीवाल को खत लिखा था |
जिस सरकार पर लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप उन्ही के साथ मिलकर पहलीबार बनाई सरकार
जिस काँग्रेस सरकार के खिलाफ इंडिया अगैन्स्ट करप्शन आंदोलन चलाया था उसी के साथ से दिल्ली में पहली बार सरकार बनाकर मुख्यमंत्री बनने पर केजरीवाल को 49 दिन में इस्तीफा देना पड़ा था, हालांकि उन्होंने उस समय जिस कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, पहले उसके साथ न जाने की कसम भी खाई थी और आंदोलन के व्यक्त केजरीवाल ने काँग्रेस के नेताओ के खिलाफ कई सबूत दिखाए थे और नेताओ के नाम भी मंच से लिए थे की ये सब भ्रष्टाचारी नेता है मगर सत्ता पाने के लिए उन्होंने काँग्रेस का ही सहारा लिया, तो कई बार बच्चो की कसम खाते हुवे भी नजर आए |
भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल विवादों में तब आ गए थे जब एक साल से आबकारी घोटाले मामले में ईडी की ओर से उनका नाम लिया जाने लगा था। केजरीवाल को एक के बाद एक नौ नोटिस भेजे गए और आखिरकार 10 वे नोटिस पर उन्हे गिरफ्तार किया गया |
10 समन : ईडी द्वारा कब कब भेजे गए समन ?
केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहला समन 2 नवंबर 2023 को भेजा था लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए और उन्होंने उल्टा इस समन को गैरकानूनी करार दे दिया था उसके बाद जांच एजेंसी ने केजरीवाल को 21 दिसंबर 2023, 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च, 21 मार्च को भेजा था समन लेकिन सीएम केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए और केंद्र सरकार पर एजेंसी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाते रहे, केजरीवालने हाईकोर्ट में अंतरिम राहत देने के लिए याचिका दायर की मगर hc ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया
कथित शराब घोटाले में राज्य सरकार को 2873 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है
कथित शराब घोटाले में राज्य सरकार को 2873 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, यह मामला साल 2021-22 का है और प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि एक्साइज पॉलिसी को तैयार करने से लेकर लागू करने तक में गड़बड़ी की गई थी|आरोप है कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने 136 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस माफ कर दी और इसके एवज में 100 करोड़ रुपए लिए गए|ईडी द्वारा शराब घोटाला मामले में यह 16वीं गिरफ्तारी है
ऐसे हुई ED की एंट्री
दिल्ली सरकार याने केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी ने कुछ डीलरों का सीधे तौर पर फायदा पहुंचाया, इसके बदले कथित तौर पर रिश्वत ली गई, बाद में केजरीवाल की राज्य सरकार ने इस पॉलिसी को रद्द कर दिया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सच जानने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी मगर जब इसमे मनी लॉन्डिंग का एंगल सामने आया तो ईडी की एंट्री हुई|केजरीवाल के नाम का ईडी के चार्जशीट में कई बार उल्लेख किया गया है, एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी उत्पाद शुल्क नीति तैयार करते वक्त केजरीवाल के संपर्क में थे |
जमानत मिलनी मुश्किल
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को जिस कानून के तहत गिरफ्तार किया है, उसमें जमानत मिलनी बहुत मुश्किल होती है, ये कानून 1 जूलाई 2005 को लागू किया गया था और ये कानून साल 2002 में पारीत हुआ था इस कानून का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है |