- फ्री कश्मीर,
- भगवा जलेगा
- मोदी तेरी कब्र खुदेगी जैसे नारे लिखे गए।
- पिछले साल नवंबर में ब्राह्मणों भारत छोड़ो जैसे नारे लिखे मिले थे
- ABVP ने जांच की मांग की
- ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो
- ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा; शाखा लौट जाओ
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) बन गई है राष्ट्र विरोधियों का अड्डा जहां फिर एकबार विवादित स्लोगन लिखने का मामला सामने आया है। जहां मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के लेंग्वेज स्टडी सेंटर की दीवारों और फर्श पर शनिवार देर रात फ्री कश्मीर, भगवा जलेगा और मोदी तेरी कब्र खुदेगी जैसे नारे लिखे दिखाई दिए।
हालाकी इन सभी नारों को JNU प्रशासन ने रविवार सुबह मिटा दिया। मगर इस दौरान विवादित नारों की तस्वीरें वायरल हो गईं। हालांकि, यह विवादित नारे किसने लिखे हैं ?, अभी इसकी जानकारी नहीं है। यूनिवर्सिटी प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। इस पर दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभी इस मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। यह यूनिवर्सिटी का अंदरूनी मामला है।
ABVP ने जांच की मांग की
यूनिवर्सिटी की दीवारों पर विवादित नारे लिखे जाने को लेकर ABVP के कार्यकर्ताओं ने JNU मैनेजमेंट को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमे उन्होंने अपील की है कि मामले को गंभीरता से लिया जाए और जल्द से जल्द इसकी जांच की जाए। Jnu में विवादित स्लोगन और राष्ट्र विरोधी कवायत का ये पहला मामला नहीं है इस से पहले भी यहाँ राष्ट्रविरोधी गतिविधियां और विवादास्पद बाते होती रहती है.. आइए करते है उस पर भी एक नजर
पिछले साल नवंबर में ब्राह्मणों भारत छोड़ो जैसे नारे लिखे मिले थे
पिछले साल 30 नवंबर को JNU के कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ नारे लिखे मिले थे। लाल रंग से स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो; ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा; शाखा लौट जाओ… जैसी धमकियां लिखी गई थीं। JNU की महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर भी ‘शाखा लौट जाओ’ का नारा लिखा गया था |
फरवरी में शिवाजी महाराज के पोर्ट्रेट को नुकसान पहुंचाया गया था
इसी साल याने 2023 फरवरी में छत्रपति शिवाजी महाराज के पोर्ट्रेट को नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद कैंपस में स्टूडेंट्स के दो ग्रुप में हिंसा भी हुई थी। वहीं, जनवरी 2023 में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर भी JNU में खूब बवाल हुआ था।
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