Lok Sabha Speaker :
Lok Sabha Speaker : 1975 में कोर्ट ने उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की चुनावी जीत को गलत बताते हुए रद्द कर दिया था इसके बाद तुरंत इंदिरा गांधी द्वारा देश में इमरजंसी लगाई गई थी और देश का लगभग पूरा विपक्ष जेल में बंद कर दिया गया था, यहाँ तक की प्रसिद्ध गायक किशोरकुमार, अभिनेता मनोज कुमार, अभिनेता देव आनंद, डायरेक्टर गुलजार को भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था, देश में 21 महीने तक इमरजेंसी लगी थी जिसके तहत समस्त नागरिक अधिकारों को सस्पेंड कर दिया गया। प्रेस पर सेंसरशिप लागू हो गई अखबारों में वही छपता जो सरकार चाहती थी।
आइये पहले देखते है फिल्म इंडस्ट्रीज का इमरजेंसी के दौरान हाल
इमरजेंसी में फिल्मो में इन निर्देश का पालन करना जरूरी था
सरकार की आलोचना करने वाली कोई भी फिल्म या शॉर्ट फिल्म बनाने की मनाही थी, ये था पहला निर्देश |
सरकार की आलोचना करने वाली जो फिल्में पहले से ही बन गई थीं उन्हें या तो बैन कर दिया गया या फिर सेंसर ने कुछ सीन्स फिल्म से हटा दिए गए थे |
अगर फिल्म इंडस्ट्री के बड़े स्टार्स सरकार के इस निर्देश को नहीं मानते थे, उनके गाने या फिल्मों को बैन कर दिया जाता था। |
मनोज कुमार की फिल्म भी बैन हुई
मनोज कुमार की एक फिल्म दस नंबरी रिलीज होने वाली थी लेकिन सरकार ने इस पर बैन लगा दिया। इस बैन के खिलाफ उन्होंने कोर्ट में केस फाइल कर दिया। कोर्ट में केस चल ही रहा था कि 1977 में जनसंघ की सरकार बन गई और मनोज कुमार ये केस जीत गए।
- इमरजेंसी को बताया प्रोपेगेंडा बताना देव आनंद को पड़ा भारी, दूरदर्शन पर बैन हुई फिल्में
- 1975 की फिल्म किस्सा कुर्सी पर भी लगा था बैन
- गुलजार साहब के डायरेक्शन पर बनी फिल्म आंधी पर भी लगा था बैन
२०२४ लोकसभा में क्या हुवा ?
आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।”
इमरजेंसी को याद करके रखा गया दो मिनट का मौन
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “इमरजेंसी ने भारत के कितने ही नागरिकों का जीवन तबाह कर दिया था, कितने ही लोगों की मृत्यु हो गई थी। इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम दो मिनट का मौन रखते हैं।”
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