Muslim Reservation in India: देश के 9 राज्य दे रहे है मुस्लिम आरक्षण
- भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है
- तेलंगाना में मुस्लिमों को OBC कैटेगरी में 4 प्रतिशत आरक्षण है
- आंध्र प्रदेश में OBC आरक्षण में मुस्लिम रिजर्वेशन का कोटा 7% से 10% तक है
- उत्तर प्रदेश में 28 मुस्लिम जातियों को OBC आरक्षण मिल रहा है
- बिहार, राजस्थान समेत कई राज्यों में जाति के आधार पर मुस्लिमों को OBC आरक्षण में शामिल किया गया है
Muslim Reservation in India : कोलकाता हाईकोर्ट ने हाल ही में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी (OBC) के तहत राज्य में 2010 के बाद जितने भी लोगों को प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उन्हें रद्द कर करने का फैसला सुनाया है। लोकसभा चुनाव 2024 के बीच आए इस जजमेंट ने सरकार और विपक्ष की नींद उडा दी है, देश में ओबीसी OBC के तहत ममता बनर्जी सहित काँग्रेस और विपक्ष के कई दलों ने मुसलमानों को ओबीसी OBC श्रेणी में आरक्षण दिया था।
- अब बड़ा सवाल यह है कि
- आखिर देश के कितने राज्यों में मुस्लिम समाज को आरक्षण दिया गया है ?
- किस राज्य में कितने प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण की व्यवस्था की गई है ?
- ये प्रथा की शुरुवात कब हुई और कैसे हुई ?
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कहाँ कितना मुस्लिम आरक्षण ?
आपको हैरानी होगी की देश के 9 राज्यों में मुस्लिम आरक्षण की व्यवस्था की गई है। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक (कोर्ट का स्टे), केरल, बंगाल (अब रद्द कर दिया गया ) आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में मुस्लिम आरक्षण की व्यवस्था है, आपको बता दे की केरल में शिक्षा में 8 फीसदी और नौकरियों में 10 फीसदी सीटें मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित हैं और 3.5% आरक्षण तमिलनाडु में मुसलमानों को दिया जाता है, कर्नाटक में काँग्रेस द्वारा मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, जिसे BJP सरकार ने ख़त्म कर दिया था. अब काँग्रेस सत्ता में आते ही दोबारा मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की कोशिश की, जिसपर कोर्ट ने स्टे लगा दिया
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धर्म-आधारित आरक्षण की शुरुवात कहाँ से हुई ?
1936 में धर्म-आधारित आरक्षण पहली त्रावणकोर-कोच्चि याने केरल राज्य में लागू किया गया था, भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है फिर भी साल 1952 में इसे 45% के साथ सांप्रदायिक आरक्षण से बदल दिया गया, 35% आरक्षण ओबीसी को आवंटित किया गया था जिसमें मुस्लिम भी शामिल थे, साल 1956 में केरल के पुनर्गठन के बाद, लेफ्ट की सरकार ने आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर 50 कर दिया, जिसमें ओबीसी के लिए 40% आरक्षण शामिल था. सरकार ने ओबीसी के भीतर एक SUB-QUOTA बना दिया, जिसमें मुसलमानों की हिस्सेदारी 10% थी, आपको बताया दे की संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर भी कहते थे कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता