New Crime Rule :
New Crime Rule : देश में 3 नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई 2024 से लागू हो गए हैं। जिन्होंने भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता,1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ली है।
इन 3 नए कानून पर पुर्नविचार की मांग करते हुवे काँग्रेस और विभिन्न विपक्षी दल इन नए कानूनों पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं आइए जानते हैं कि विपक्षी दलों के नेता क्या कहे रहे है
काँग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 3 नए आपराधिक कानूनों पर कहा कि भारत की जो न्यायिक प्रणाली है उसमें 3.4 करोड़ मामले लंबित हैं और इन में से अधिकतर फौजदारी के मुकदमे हैं इसलिए इससे एक बहुत बड़ा संकट आने वाला है, इन कानूनों को संसद के समक्ष दोबारा रख कर एक संयुक्त संसदीय समिति के सामने भेजने के बाद फिर क्रियान्वयन के लिए भेजा जाना चाहिए
काँग्रेस सांसद खरगे ने कहा की,आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन क़ानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए। INDIA अब ये “बुलडोज़र न्याय” संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा।
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समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा, यह कानून बहुत गलत तरीके से संसद में पास किए गए हैं। इन कानूनों पर कोई चर्चा नहीं है… अगर कोई विदेशों में भी अपने अधिकारों को लेकर विरोध करता है तो उन पर भी ये कानून लागू होंगे
शिवसेना(UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, जब ये बिल संसदीय स्थायी समिति में लाया गया था तो सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई थी और उसमें क्या कमियां हैं वो सामने रखी थीं लेकिन उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया, 145 विपक्ष के सांसदों को निलंबित कर दिया गया था
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