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Ricky Rai firing case: सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार, पुलिस अभी तक कारण पता नहीं लगा पाई

Ricky Rai firing case:

Ricky Rai firing case: सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार, पुलिस अभी तक कारण पता नहीं लगा पाई

बेंगलुरु के दिवंगत अंडरवर्ल्ड शख्सियत मुथप्पा राय के बेटे रिकी राय को सौंपे गए एक निजी सुरक्षा गार्ड को शहर के बाहरी इलाके बिदादी में उनके फार्महाउस के पास राय के वाहन पर 19 अप्रैल को हुई गोलीबारी की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

रामनगर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि की कि रिकी राय की सुरक्षा टीम का हिस्सा रहे 45 वर्षीय विट्ठल मोनप्पा को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांचकर्ताओं ने मोनप्पा को गोलीबारी से जोड़ा है, हालांकि मकसद स्पष्ट नहीं है।

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पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोलीबारी मुथप्पा राय द्वारा छोड़ी गई संपत्ति को लेकर चल रहे विवादों से जुड़ी हो सकती है, जिनकी 2020 में मृत्यु हो गई थी। यह हमला उस फार्महाउस के पास हुआ, जो रिकी राय को उनके पिता से विरासत में मिला था।

35 वर्षीय रिकी राय को नाक और दाहिने कंधे में चोटें आईं, जब उनकी टोयोटा फॉर्च्यूनर के सामने वाले यात्री की तरफ कई गोलियां लगीं, जिनके बारे में संदेह है कि उन्हें शॉटगन से दागा गया था। कथित तौर पर जब गोलियां चलाई गईं तो राय वाहन के पिछले हिस्से में बैठे थे।

घटना के बाद पुलिस ने राय की निजी सुरक्षा टीम के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल की गई सभी आग्नेयास्त्रों को जब्त कर लिया। फोरेंसिक विश्लेषण ने पुष्टि की कि गोलियां एक गार्ड को दी गई बन्दूक से चली थीं। जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या प्रतिद्वंद्वी संगठनों के लोग राय को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उनकी सुरक्षा टीम में घुसे थे।

मामले में शुरुआती शिकायत राय के ड्राइवर बसवराजू ने बिदादी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। शिकायत में मुथप्पा राय की दूसरी पत्नी अनुराधा मुथप्पा राय, उनके पूर्व सहयोगी और वर्तमान कांग्रेस नेता राकेश मल्ली और रियल एस्टेट व्यवसायी नितेश शेट्टी को हमले के पीछे संदिग्ध बताया गया है।

पुलिस ने गोलीबारी के सिलसिले में 22 अप्रैल को मल्ली से पूछताछ की। बताया जाता है कि मुथप्पा राय की मौत से पहले संपत्ति के मामलों को लेकर उनका मुथप्पा राय के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस बीच, 52 वर्षीय अनुराधा मुथप्पा राय ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है।

मंगलवार को हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि पुलिस अपनी जांच जारी रख सकती है, लेकिन अनुराधा को बुलाने से पहले उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अगर वह जांच में सहयोग करती हैं तो अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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