The big decision :
The big decision :पिछले कुछ सालों में फर्जी कॉल्स और मैसेज के जरिए फ्रॉड के मामले सामने आए हैं उसे देखते केन्द्र की मोदी सरकार ने फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए गाइडलाइंस ड्राफ्ट कर लिया है और 21 जुलाई तक पब्लिक कमेंट मांगा है। पब्लिक कमेंट्स और फीडबैक के बाद ही बिल को पेश किया जाएगा और फिर इसे लागू कर दिया जाएगा
Govt issues draft guidelines to restrict unsolicited business messages, calls; seeks public comments by July 21
— Press Trust of India (@PTI_News) June 20, 2024
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके पहले भी TRAI और दूरसंचार विभाग ने फर्जी कॉल पर लगाम लगाने के लिए बैंकिंग और रजिस्टर्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए नई 160 वाली नंबर सीरीज जारी की है, जिससे लोगों को सही और फर्जी कॉल की पहचान करने में दिक्कत न हो मगर अब मोदी सरकार ने फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए इसकी गाइडलाइन्स ड्राफ्ट कर ली है और 21 जुलाई तक इसे पब्लिक कमेंट के लिए उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, दूरसंचार विभाग कॉलर आईडी नेम रिप्रजेंटेशन को भी दो सर्किल में टेस्ट कर रहा है।
इस बिल को ड्राफ्ट करने के लिए अलग-अलग सेक्टर से रिप्रजेंटेटिव को कमिटी में शामिल किया गया है आपको बताया दे की, लोकसभा चुनाव से पहले ही केन्द्र सरकार ने बिजनेस कम्युनिकेशन के लिए एक कमिटी का गठन किया था। इस कमिटी ने इससे संबंधित बिल को ड्राफ्ट कर लिया है और अब पब्लिक कमेंट के लिए भेजा गया है।
यह भी पढ़े : Reservation in India : पटना में 65 फीसदी आरक्षण रद्द मगर तमिलनाडु में 69 फीसदी लागू, ऐसा क्यू ?
इस कमिटी में टेलीकॉम सेक्टर की रेगुलेटरी बॉडी दूरसंचार विभाग (DoT) और दूरसंचार नियामक (TRAI) के अलावा मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, रिजर्व बैंक, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस (DFS), सेलुलर ऑपरेशन असोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) और इंश्योरेंस रेगुलेटर (IRDAI) के रिप्रेजेंटेटीव को रखा गया है।

सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करके बताया ‘यह देखा गया कि ये कॉल्स न केवल यूजर्स की प्रिवेसी (गोपनीयता) बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन करती हैं। ऐसी अधिकांश कॉलें वित्तीय सेवा सेक्टर से आती हैं, जिसके बाद रियल एस्टेट का नंबर आता है।’