UNSC: विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने राजकोट में एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि भारत को भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता जरूर मिलेगी लेकिन इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
भारत के तेज तर्रार विदेशमंत्री श्री एस जयशंकर को राष्ट्रीय एकता मंच राजकोट गुजरात में एक कार्यक्रम भारत भाग्य विधाता के दौरान बुद्धिजीवों के साथ बातचीत के दौरान जब उनसे बुद्धिजीवी डेनिश आडेसरा द्वारा पूछा गया की क्या भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC ) की स्थायी सदस्यता मिलेगी ? इस सवाल पर श्री एस जयशंकर ने कहा की, जरूर मिलेगी लेकिन इसके लिए एक बात का ध्यान रखना होगा और इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है।
भारत को कड़ी मेहनत करनी होगी- श्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र का गठन आज से लगभग 80 साल पहले हुआ था, जब चीन, फ्रांस, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसकी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का फैसला लिया था, उस समय दुनिया में लगभग 50 जीतने स्वतंत्र देश थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 193 हो गई है, लेकिन अब भी पांच देशों ने यूएनएससी पर अपना नियंत्रण बनाए रखा है। एस जयशंकर ने कहा कि अब दुनिया भर में यह मांग उठ रही है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव होना चाहिए और भारत को यूएनएससी एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि UNSC में निश्चित रूप से स्थायी सदस्यता हासिल करेंगे लेकिन कड़ी मेहनत के बिना कभी भी कुछ भी बड़ा हासिल नहीं किया जा सकता।
संयुक्त राष्ट्र पर बनाना होगा दबाव – एस जयशंकर
केंद्रीय विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत, जापान, जर्मनी और मिस्र ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र के सामने एक प्रस्ताव रखा है और उम्मीद है कि इससे स्थायी सदस्यता का मामला आगे बढ़ेगा। श्री एस जयशकंर ने इस बात पर जोर देकर कहा की सभी को मिलकर संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाना होगा। उनके अनुसार जैसे-जैसे दबाव बढ़ेगा, भारत को स्थायी सीट मिलने की संभावना भी बढ़ेगी। विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में गतिरोध था और गाजा के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में कोई आम सहमति नहीं बन पाई थी। श्री एस जयशंकर के द्वारा लिखी गई उनकी किताब का जिक्र भी इस कार्यक्रम के दौरान हुवा और उस पर भी खुलकर बाते हुई थी, राष्ट्रीय एकता मंच के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई और लोगों ने शांति पूर्वक श्री एस जयशंकर को सुना और अपने सवाल भी उनसे पूछे | श्री शैलेशभाई जानी के द्वारा इस कार्यक्रम को शब्दों में पिरोया गया था |