Road Accident : सड़क हादसों में काफी लोग हादसों का शिकार होते हैं, मगर आपको जानकार हैरानी होगी की बीते पांच साल के दौरान भारत में मोटर वाहन हादसों के बीमा दावों के 10 लाख से अधिक मामले लंबित पड़े हैं। ये आंकड़ा राज्यों का नहीं मगर देशभर का है, जिसमें 80,455 करोड़ रुपये की राशि जुड़ी है।
10,46,163 मोटर हादसे में 80,455 करोड़ के दावे देशभर में लंबित पड़े हैं
RTI के जरिए देश में सड़क हादसों की और बीमा दावों की चौकानेवाली बात सामने आई है कि 10,46,163 मोटर हादसे में 80,455 करोड़ के दावे देशभर में लंबित पड़े हैं और ये बीमा का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा हैं। RTI से ये जानकारी साल 2018-19 से 2022-23 के दौरान सड़क हादसे और सड़क हादसे के बीमा के आंकड़ों समेत सामने आई है।
RTI से मिली जानकारी
अप्रैल 2024 में IRDAI यानी इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ये जानकारी RTI के जरिए दी है। आपको बता दे की सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में मोटर वाहन हादसे के लंबित दावों की राज्य और जिला के आधार पर दी है।
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IRDAI द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक
वित्त वर्ष | लंबित दावों की संख्या | दावों की राशि |
2018-19 | 9,09,166 | 2,713 करोड़ |
2019-20 | 9,39,160 | 61,051 करोड़ |
2020-21 | 10,08,332 | 70,722 करोड़ |
2021-22 | 10,39,323 | 74,718 करोड़ |
2022-23 | 10,46,163 | 80,455 करोड़ |
आर्थिक मदद मिलने में औसतन 4 साल का समय लगता है
सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता द्वारा इस बात पर चिंता जताई कि सड़क हादसे में पीड़ित को आर्थिक मदद मिलने में औसतन 4 साल का समय लगता है, IRDAI के मुताबिक, वह जिला और राज्य के आधार पर मोटर थर्ड पार्टी दावों की जानकारी नहीं जुटाता है। 2022-23 में मोटर हादसों के 10,39,323 नए मामले सामने आए, मगर इसमें से सिर्फ 29 फीसदी मामलों में ही सेटलमेंट किया गया और इन दावों को पूरा करने में भी लगभग 4 साल का वक्त लगाया गया। जैन ने सुप्रीम कोर्ट में सिविल विट पिटीशन दायर कहा कि सड़क हादसों के पीडि़तों को देर से मिलने वाली आर्थिक मदद और फैसले को लेकर एप्लिकेशन दी। इसमें सुझाव के तौर पर कहा गया है कि गंभीर मामलों में 5 लाख और घायल होने पर 2.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए